| बजट |
बजट के प्रकार :-
बजट दो प्रकार के होते हैं-
1. संतुलित बजट
2. असंतुलित बजट
संतुलित बजट :- संतुलित बजट में सरकार की आय एवं व्यय बराबर होती है। संतुलित बजट एक आदर्श की स्थिति है। व्यवहार में नही पाया जाता है। संतुलित बजट दो प्रकार से हो सकता है।
1. एक वर्ष के आधार पर संतुलित बजट
2. कुछ वर्षों के आधार पर संतुलित बजट
असंतुलित बजट :- असंतुलित बजट में आय एवं व्यय बराबर नहीं होते हैं। आय एवं व्यय में संतुलन नहीं पाया जाता है। असंतुलित बजट दो प्रकार का हो सकता है-
1. घाटे का बजट :- ऐसे बजट में सरकार की आय कम होती है, व्यय की अधिकता पायी जाती है। भारत जैसे विकासशील राष्ट्रों में घाटे का बजट ही सरकार पेश करती है।
2. आधिक्य का बजट :- जिसमें सरकार व्यय की तुलना में आय अधिक होती है। आधिक्य का बजट कहलाता है।
सरकारी बजट की प्राप्तियाँ
बजट की प्राप्तियाँ दो प्रकार की होती हैं:-
1. राजस्व प्राप्तियाँ :- राजस्व प्राप्तियों को सरकार कर और गैर कर से प्राप्त करती हैं। केन्द्र सरकार द्वारा जो कर लगाया जाता है सरकार का महत्वपूर्ण आय का स्रोत होता है। इसमें आयकर, निगमकर, सेवा कर, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क, व्यापार कर शामिल हैं। गैर राजस्व कर फीस, लाइसेंस, परमिट, दण्ड एवं जुर्माना अनुदान, सार्वजनिक उपक्रमों से आय सम्मिलित होती है।
2. पूँजीगत प्राप्तियाँ :- सरकार द्वारा जो ऋण लिया है पूँजीगत प्राप्तियाँ कहलाती हैं। इसमें सरकार द्वारा जनता से ऋण लिया जाता है। ट्रेजरी बिल की बिक्री से रिजर्व बैंक और व्यापारिक बैंक और वित्तीय संस्थाओं से सरकार ऋण लेती है। अन्य देशों से ऋण अर्न्तराष्ट्रीय संगठनों से कर्ज को शामिल किया जाता है अन्य मदें डाकघर बचत खाता, राष्ट्रीय बचत खाता, भविष्य निधि और सार्वजनिक उपक्रमों प्राप्त आय पूँजीगत प्राप्तियों में सम्मिलित किया गया है।
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