आर्थिक रूप से क्रियाशील जनसंख्या का प्रतिशत, विकास का एक महत्त्वपूर्ण सूचक होता है। विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के अनुसार किए गए जनसंख्या के वितरण को व्यावसायिक संरचना कहा जाता है। किसी भी देश में विभिन्न व्यवसायों को करने वाले भिन्न-भिन्न लोग होते हैं। व्यवसायों को सामान्यतः प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
प्राथमिक : इनमें कृषि, पशुपालन, वृक्षारोपण एवं मछली पालन तथा खनन आदि क्रियाएँ शामिल हैं। द्वितीयक क्रियाकलापों में उत्पादन करने वाले उद्योग, भवन एवं निर्माण कार्य आते हैं। तृतीयक क्रियाकलापों में परिवहन, संचार, वाणिज्य, प्रशासन तथा सेवाएँ शामिल हैं।
विकसित एवं विकासशील देशों में विभिन्न क्रियाकलापों में कार्य करने वाले लोगों का अनुपात अलग-अलग होता है। विकसित देशों में द्वितीयक एवं तृतीयक क्रियाकलापों में कार्य करने वाले लोगों की संख्या का अनुपात अधिक होता है। विकासशील देशों में प्राथमिक क्रियाकलापों में कार्यरत लोगों का अनुपात अधिक होता है। भारत में कुल जनसंख्या का 64 प्रतिशत भाग केवल कृषि कार्य करता है।
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