नेटवर्क मार्केटिंग में ट्रेनर की क्या भूमिका एवं महत्व है? | Trainer in Network Marketing

 

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Network Marketing ही क्यों, ट्रेनर का महत्व तो हर क्षेत्र में हैं। आप किसी भी ट्रेड में चले जाएं, वहां कोई न कोई ट्रेनर अवश्य होगा। प्राचीन इतिहास को यदि हम देखें तो प्रत्येक सभ्यता में हमें 'गुरु' का महत्व दिखाई देगा। गुरु-शिष्य परंपरा की तरह ही Trainer और Trainee परंपरा है। प्राचीन काल से लेकर आज तक गुरु के कधों पर ही शिष्य के सर्वांग विकास का दायित्व रहा है। भगवान श्रीराम सर्वसमर्थ पूर्ण परमात्मा थे, उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं था, किंतु पृथ्वी पर अवतार लेकर उन्होंने भी गुरु धारण किया। कुलगुरु वशिष्ठ ने उन्हें न केवल शिक्षा-दीक्षा दी, बल्कि उनके आत्मिक विकास का बीड़ा भी उठाया। अस्त्र-शस्त्र आदि की शिक्षा दी। महाभारत काल में प्रख्यात कौरवों-पाण्डवों के गुरु द्रोण थे। कर्ण को स्वयं परशुराम जी ने युद्ध-कौशल की शिक्षा दी। भगवान कृष्ण ने सांदीपनि को गुरु रूप में स्वीकार किया।


आज आधुनिक युग में चूंकि आश्रमों की व्यवस्था समाप्त हो चुकी है, इसलिए विद्यालयों में टीचर में गुरु की भूमिका निभा रहे हैं। Cricket team में अलग से कोच की व्यवस्था होती है। इसी प्रकार आज ‘Business Guru' व्यवसायियों को व्यवसाय के नए-नए तौर तरीके बताते हैं, जिससे वे सफलता की नई ऊंचाइयों को छूते हैं। Network Marketing business चूंकि भारत में नया है, इसलिए इसे आगे बढ़ाने एवं इस बिजनेस से जुड़े व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए एक ट्रेनर की सख्त आवश्यकता होती है।


ट्रेनर आपका आत्मिक, मानसिक एवं शारीरिक विकास करता है। आपको सफल जीवन जीने का गुर बताता है। आपको आपके लक्ष्य से अवगत कराता है, आपके सोए हुए आत्मविश्वास को जगाता है, आपको समय प्रबंधन सिखाता है, आपक व्यक्तित्व को निखारकर आपको लोक व्यवहार एवं business में कामयाब होने के तौर-तरीकों से अवगत करता है। उसके बाद आप एक लीडर बनकर खूबसूरती से अपनी team को संभालते हैं।


कोशिश करें कि आप भी अपने इर्द-गिर्द किसी अच्छे ट्रेनर के संपर्क में आएं। Network business से जुड़ेव्यक्ति को अच्छा ट्रेनर मिल जाने का मतलब है, आधी सफलता स्वतः प्राप्त कर लेना। गुरु, उस्ताद, ट्रेनर व ट्यूटर आदि के महत्व को आज के परिवेश में आप स्वयं समझ सकते हैं और इसे झुठलाया नहीं जा सकता।


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